छुपी हुई शक्तियां

💐💐छुपी हुई शक्तियां💐💐

एक बार देवताओं में चर्चा हो रहो थी!
चर्चा का विषय था मनुष्य की हर मनोकामनाओं को पूरा करने वाली गुप्त चमत्कारी शक्तियों को कहाँ छुपाया जाये।
सभी देवताओं में इस पर बहुत वाद- विवाद हुआ। एक देवता ने अपना मत रखा और कहा कि इसे हम एक जंगल की गुफा में रख देते हैं।

दूसरे देवता ने उसे टोकते हुए कहा, नहीं- नहीं, हम इसे पर्वत की चोटी पर छिपा देंगे।

उनकी बात ठीक पूरी भी नहीं हुई थी कि कोई कहने लगा , “न तो हम इसे कहीं गुफा में छिपाएंगे और न ही इसे पर्वत की चोटी पर हम इसे समुद्र की गहराइयों में छिपा देते हैं यही स्थान इसके लिए सबसे उपयुक्त रहेगा।”

सबकी राय खत्म हो जाने के बाद एक अन्य देवता ने कहा, क्यों न हम मानव की चमत्कारिक शक्तियों को मानव-मन की गहराइयों में छिपा दें।

चूँकि बचपन से ही उसका मन इधर-उधर दौड़ता रहता है! मनुष्य कभी कल्पना भी नहीं कर सकेगा कि ऐसी अदभुत और विलक्षण शक्तियां उसके भीतर छिपी हो सकती हैं और वह इन्हें बाह्य जगत में खोजता रहेगा!

अतः इन बहुमूल्य शक्तियों को हम उसके मन की निचली तह में छिपा देंगे। बाकी सभी देवता भी इस प्रस्ताव पर सहमत हो गए और ऐसा ही किया गया!
मनुष्य के भीतर ही चमत्कारी शक्तियों का भण्डार छुपा दिया गया!
इसलिए कहा जाता है कि मानव मन में अद्भुत शक्तियां निहित हैं।

इस कथानक का सार यह है कि मानव मन असीम ऊर्जा का कोष है। इंसान जो भी चाहे वो हासिल कर सकता है। मनुष्य के लिए कुछ भी असाध्य नहीं है।
लेकिन बड़े दुःख की बात है उसे स्वयं ही विश्वास नहीं होता कि उसके भीतर ही इतनी शक्तियां विद्यमान हैं।
इसलिय अपने अंदर की शक्तियों को पहचानिये! उन्हें पर्वत, गुफा या समुद्र में मत ढूंढिए बल्कि अपने अंदर खोजिए और अपनी शक्तियों को निखारिए।
हथेलियों से अपनी आँखों को ढंककर अंधकार होने का शिकायत मत कीजिये।
मीरा ने भी यही कहा कि-
बाहर धुंध फिरि में इसको, वह वस्तु घट भीतर पायो!
भाग बड़े मैं सद्गुरु पायो!!
जिन बडभागियों को सदगुरु के द्वारा अपने अन्दर जाने की विधी मिली है वे इसका अनवरत अभ्यास करें और अपने अन्दर का आनन्द लें !
यह कभी न भूलें कि – शांति संभव है!
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