दिमाग़ कचरे का डब्बा नहीं, जिसमें हम क्रोध, लोभ, मोह, अभिमान और जलन रखें…!
दिमाग एक खजाना है जिसमे हम प्यार, सम्मान, ज्ञान, विज्ञान, मानवता, दया जैसी बहुमूल्य चीजें रख सकते हैं…!!
ताक़त आवाज़ में नहीं अपने विचारो में रखिए क्योंकि फ़सल बारिश से होती है, बाढ़ से नहीं…….!!
आपका दिन शुभ एवम मंगलमय हो……!!
. सुप्रभात,………..