नज़र का ऑपरेशन संभव है लेकिन नजरिए का नहीं!

एक गांव के एक किनारे के समीप कुछ मजदूर पत्थर के खंभे बना रहे थे। इत्तेफाक से उसी समय उधर से एक साधु गुजरे। पत्थरों से बनते खंभे देखकर उन्होंने उन्होंने एक मजदूर से प्रश्न किया – “यहां क्या बन रहा है?”

झुंझलाकर उस मजदूर ने कहा – “देखते नहीं, पत्थर काट रहा हूं?”

साधु ने कहा- ‘हां, देख तो रहा हूं। लेकिन यहां बनेगा क्या?”

मजदूर झुंझला कर बोला- “मालूम नहीं। यहां पत्थर तोड़ते- तोड़ते जान निकल रही है और इनको यह चिंता है कि यहां क्या बनेगा।”

मजदूर की बात सुनकर साधु महाराज आगे बढ़ गए। आगे एक दूसरा मजदूर मिला। साधु ने उससे भी पूछा- “यहां क्या बनेगा?”

मजदूर ने साधु को ऊपर से नीचे निहारते हुए कहा- “देखिए साधु बाबा, यहां कुछ भी बने। चाहे मंदिर बने या जेल, मुझे क्या! मुझे तो दिन भर की मजदूरी के रूप में १०० ₹ मिलते हैं। बस शाम को ₹ मिलें और मेरा काम बने।मुझे इससे कोई मतलब नहीं कि यहां क्या बन रहा है!”

साधु महाराज आगे बढ़े तो तीसरा मजदूर मिला। साधु ने उससे भी वही प्रश्न किया तो मजदूर ने कहा- “मंदिर। इस गांव में कोई बड़ा मंदिर नहीं है! इस गांव के लोगों को दूसरे गांव में उत्सव मनाने जाना पड़ता था। मैं भी इसी गांव का हूं। ये सारे मजदूर इसी गांव के हैं। मैं एक- एक छैनी चला कर जब पत्थरों को गढ़ता हूं तो छैनी की आवाज में मुझे मधुर संगीत सुनाई पड़ता है। मुझे आनंद की अनुभूति होती है। कुछ दिनों बाद यह मंदिर बन कर तैयार हो जाएगा और यहां धूमधाम से पूजा होगी। मेला लगेगा। कीर्तन होगा। मैं यही सोच कर मस्त रहता हूं। मेरे लिए यह काम, काम नहीं है। मैं हमेशा मंदिर बनाने की मस्ती में रहता हूं। मैं रात को सोता हूं तो मंदिर की कल्पना के साथ और सुबह जगता हूं तो मंदिर के खंभों को तराशने के लिए चल पड़ता हूं। बीच- बीच में जब ज्यादा मस्ती आती है तो भजन गाने लगता हूं। जीवन में इससे ज्यादा काम करने का आनंद कभी नहीं आया।”

साधु ने उसकी बातों को गंभीरता से सुनकर कहा- “यही जीवन का रहस्य है मेरे भाई। बस नजरिया का फर्क है।
कोई काम को बोझ समझ रहा है और पूरा जीवन झुंझलाते और हाय- हाय करते बिता रहा है लेकिन कोई काम को आनंद समझ कर जीवन का लुत्फ ले रहा है।जीवन से सम्बद्ध हर पल के प्रति हमारा नजरिया सकारात्मक होना चाहिए। सकारात्मकता सफलता की जननी है।

अपनी ज़िंदगी में बोई सकारात्मकता की फ़सल हमारे जीवन को तनावमुक्त कर हरा-भरा रखती। बस, अपने नज़रिए को बदलिए जीवन अपने आप बदल जायेगा!*
🙏🙏 सुप्रभात 🙏🏻🙏




Leave a Reply