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मेरे संदेश का संबंध –आपके धर्म से नहीं है।आपके परिवार से नहीं है!आपके बिजनेस से नहीं है!आपके विश्वासों से नहीं है!इस संदेश का संबंध –आपसे है और सिर्फ आपसे है! जो आप हैं, जैसे आप हैं – इस पृथ्वी परऐसा न कभी कोई थाऔर न कभी कोई होगा। आप जिस प्रकार रोते हैं – वह […]
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🌹ॐ गंग गणपतये नमः🌹आप को पवित्र पर्व चैत्र नवरात्रि व हिंदू नववर्ष विक्रम संवत् 2080 की हार्दिक शुभकामनाएं। हर्षोल्लास का यह पर्व आपके जीवन का हर क्षण आंनद, उत्साह और प्रभु कृपा से भर दे, ऐसी मेरी प्रार्थना है। जय माता दी 🙏
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by Prem Rawat (Author) स्वयं की आवाज़: शोर भारी इस दुनिया में शांति कैसे पाए About the Author For more than 50 years, Prem Rawat has spoken to hundreds of millions of people in over 100 countries to spread his message of peace. Born in India, Prem gave his first public address at the age of four, […]
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रंक दुखी, राजा दुखी,दुखी सकल संसार।साध सुखी ‘सहजो’ कहे,पायो भेद अपार।। इस संसार में बड़े बड़े लोग हैं- कहीं कुछ हो जाता है तो उनको दुख होता है।उदास वे भी होते हैं- जिनके पास कुछ नहीं है!और उदास वे लोग भी होते हैं जिनके पास बहुत धन है।सारा का सारा संसार दुखी है।सचमुच में,जो उस […]
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इस मनुष्य चोले के अंदर एक ऐसी चीज़ रखी हुई है, जो अनंत है। सभी जीवों का प्राण है। सुखमय और आनंददायक है। उस चीज़ को पहचानो। जब तक तुम उस चीज़ को नहीं पहचानोगे, इस जीवन को सफल नहीं कर पाओगे। मैं लोगों से यही कहता हूँ कि तुम्हारे जीवन में शांति होनी चाहिए। […]
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मानव जीवन का आज अभ्यास ऐसा हो गया है कि उसने अपने भीतर ही महाभारत का मैदान तैयार करके दुश्मनों की सेना खड़ी कर ली है।वह हर पल खुद से ही युद्ध लड़ रहा है।जैसे ही सुबह आँख खुलती है, भीतर से दुश्मन सामने खड़े मिलते हैं।बहुत सारे लोग तो आंँख खुलने से पहले करवट […]
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होली की हार्दिक बधाई आपको और आपके परिवार को होली के पावन पर्व के शुभ अवसर पर मेरे और मेरे परिवार की तरफ से, हार्दिक शुभकामनाये! होली के रंगो की तरह आपकी जिंदगी भी, खुशियों के रंगो से भरी हो,मेरी यही कामना है….
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होलिका दहन हिरण्यकश्यपु के कहने पर होलिका प्रह्लाद को मारने के लिए अपनी गोद में बैठाकर आग में प्रवेश कर कई। किंतु भगवान विष्णु की कृपा से तब भी भक्त प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई। तभी से बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में होलिका दहन होने लगा और ये त्योहार मनाया […]
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वर्तमान में प्रत्येक मनुष्य बिना लेन-देन के कोई काम करता ही नहीं है।आत्मज्ञान लेने में भी मनुष्य की यह सोच बन गई है कि ज्ञान लेने के बाद मुझे क्या फायदा मिलेगा? मुझे कितना धन दौलत मिलेगी? मन के अन्दर उथल-पुथल, हिसाब-किताब और लेन-देन की इस मानसिकता ने आत्मज्ञान को भी व्यापार बना दिया है। […]
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