धैर्य
एक बार एक व्यक्ति अकेला उदास बैठा कुछ सोच रहा था कि उसके पास भगवान आये और भगवान को अपने समक्ष देख उस व्यक्ति ने पूछा, मुझे ज़िन्दगी में बहुत असफलताएं मिली! अब मैं निराश हो चूका हूँ! हे भगवन, मुझे बताओ कि मेरे इस जीवन की क्या कीमत है?
भगवान ने उस व्यक्ति को एक लाल रंग का चमकदार पत्थर दिया और कहा “जाओ इस पत्थर की कीमत का पता लगा लो! तुम्हे अपनी ज़िन्दगी की कीमत का भी पता चल जाएगा! लेकिन ध्यान रहे कि इस पत्थर को बेचना नहीं है!”
वो व्यक्ति उस लाल चमकदार पत्थर को लेकर सबसे पहले एक फल वाले के पास गया और कहा “भाई..ये पत्थर कितने का खरीदोगे?”
फल वाले ने पत्थर को ध्यान से देखा और कहा “मुझसे 10 संतरे ले जाओ और ये पत्थर मुझे दे दो!”
उस व्यक्ति ने कहा कि, नहीं, मैं ये पत्थर बेच नहीं सकता! फिर वो आदमी एक सब्ज़ी वाले के पास गया और उसे कहा, “भाई …ये लाल पत्थर कितने का खरीदोगे?”
सब्ज़ी वाले ने कहा कि मुझसे एक बोरी आलू की ले जाओ और ये पत्थर मुझे बेच दो! लेकिन भगवान् के कहे अनुसार उस व्यक्ति ने कहा कि नहीं, मैं ये बेच नहीं सकता!
फिर वो व्यक्ति उस पत्थर को लेकर एक सुनार की दूकान में गया जहाँ कई तरह-तरह के आभूषण पड़े हुए थे! उस व्यक्ति ने सुनार को वो पत्थर दिखाया और उस सुनार ने बड़े गौर से उस पत्थर को देखा और फिर कहा, “मैं तुम्हे 1 करोड़ रुपये दूंगा, ये पत्थर मुझे बेच दो!” फिर उस व्यक्ति ने सुनार से माफ़ी मांगी और कहा कि ये पत्थर मैं बेच नहीं सकता। सुनार ने फिर कहा “अच्छा चलो ठीक है! मैं तुम्हे 2 करोड़ दूंगा! ये पत्थर मुझे बेच दो!”
सुनार की बात सुनकर वो व्यक्ति चौंक गया लेकिन सुनार को मना कर वो आगे बढ़ गया और एक हीरे बेचने वाले की दूकान में गया!
हीरे के व्यापारी ने उस लाल चमकदार पत्थर को पूरे 10 मिनट तक देखा और फिर एक मलमल का कपडा लिया और उस पत्थर को उस पे रख दिया। फिर उस व्यापारी ने अपना सर उस पत्थर पर लगा कर माथा टेका और कहा “तुम्हे ये कहा मिला! ये इस दुनिया में सबसे अनमोल रत्न है! अगर इस दुनिया की पूरी दौलत भी लगा दी जाए तो इस पत्थर को नहीं खरीद सकता!”
ये सुन वो व्यक्ति बहुत हैरान हुआ और सीधा भगवान के पास गया और उन्हें आप बीती बताई और फिर उसने भगवान से पूछा, “हे भगवन अब मुझे बताईये कि मेरे इस जीवन की क्या कीमत है?”
भगवान ने कहा “फल वाले ने, सब्ज़ी वाले ने, सुनार ने और हीरे के व्यापारी ने तुम्हें जीवन की कीमत बता दी थी! हे मनुष्य, किसी के लिए तुम एक पत्थर के टुकड़े सामान हो और किसी के लिए बहुमूल्य रत्न समान।
हर किसी ने अपनी जानकारी के अनुसार तुम्हें उस पत्थर की कीमत बताई लेकिन उस हीरे के व्यापारी ने इस पत्थर को पहचान लिया। ठीक उसी तरह कुछ लोग तुम्हारी कीमत नहीं पहचानते! इसलिए ज़िन्दगी में कभी निराश मत हो!
इस दुनिया में हर मनुष्य के पास कोई ना कोई ऐसा हुनर होता है जो सही वक़्त पर निखार कर आता है लेकिन उसके लिए परिश्रम और धैर्य की ज़रूरत है!
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