ताश के पत्तों का मर्म

ताश के पत्तों का मर्म

हम ताश खेलते है, अपना मनोरंजन करते है। पर शायद कुछ ही लोग जानते होंगे कि ताश का आधार वैज्ञानिक है व साथ साथ ही प्राकृति से भी जुड़ा हुआ है:-

आयताकार मोंटे कागज़ से बने पत्ते चार प्रकार के …..ईंट, पान, चिड़ी, और हुक्म, प्रत्येक 13 पत्तों को मिलाकर कुल 52 पत्ते होते हैं।
पत्ते…. एक्का से दस्सा, गुलाम, रानी एवं राजा ।
1. 52 पत्ते …….52 सप्ताह
2. 4 प्रकार के पत्ते …….4 ऋतु
3. प्रत्येक रंग के 13 पत्ते….प्रत्येक ऋतु में 13 सप्ताह
4. सभी पत्तों का जोड़ ..1 से 13 = 91 × 4 = 364
5. एक जोकर….. 364+1= 365 दिन…1 वर्ष
6. दूसरा जोकर गिने..365 +1=366 दिन..लीप वर्ष
7. 52 पत्तों में 12 चित्र वाले पत्ते – 12 महिने
8. लाल और काला रंग … दिन और रात!

💥 पत्तों का अर्थ

1 दुक्की – पृथ्वी और आकाश
2. तिक्की- ब्रम्हा, विष्णू, महेश
3. चौकी – चार वेद (अथर्व वेद, सामवेद, ऋग्वेद, अथर्ववेद)
4. पंजी – पंच प्राण (प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान)
5. छक्की – षड रिपू (काम, क्रोध, मद, मोह, मत्सर, लोभ)
6. सत्ती- सात सागर
7. अटठी- आठ सिद्धी
8. नव्वा- नौ ग्रह
9. दस्सी- दस इंद्रियां
10. गुलाम- मन की वासना
11. रानी- माया
12. राजा – सबका शासक
13. एक्का- मनुष्य का विवेक




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