मनुष्य एक ऐसा यंत्र है –
जिसके रोम-रोम में एक ही याचना है।
वह है –
जीवन में आनंद और संतुष्टि पाने की।
वह सुख-चैन और परम आनंद का अनुभव कर सके।
इस मनुष्य चोले के अंदर एक ऐसी चीज़ रखी हुई है-
जो अनंत है।
सभी जीवों का प्राण है।
सुखमय और आनंददायक है।
उस चीज़ को पहचानो।
जब तक –
तुम उस चीज़ को नहीं पहचानोगे,
इस जीवन को सफल नहीं कर पाओगे।
मैं लोगों से यही कहता हूँ कि –
तुम्हारे जीवन में शांति होनी चाहिए।
खोजो इसको-
जहाँ मिले, वहीं ठीक है।
अगर कहीं न मिले-
तो हम हैं।
हम दे सकते हैं।
हमने लाखों लोगों को दिया है।
Prem Rawat
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