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Some of the solutions from that forum thread:
RequestReadTimeout header=0 body=0
This disables the 408 responses if a request times out.SetEnvIf Remote_Addr "10\.0\.0\.5" exclude_from_log
CustomLog logs/access_log common env=!exclude_from_log
“जैसे घर में रोज झाड़ू लगाई जाए, तो घर साफ रहता है। अन्यथा कचरा तो हवा में उड़ कर प्रतिदिन बिना बुलाए आता ही है, जिससे घर गंदा होता रहता है।”
इसी प्रकार से व्यक्ति के मन में संसार की वस्तुओं को देखकर, काम क्रोध लोभ ईर्ष्या द्वेष अभिमान आदि दोषों का कचरा तो रोज़ बिना बुलाए आता ही है। "यदि आप अपने मन की शुद्धि नहीं करेंगे, तो यह कचरा धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा। और एक दिन इतना बढ़ जाएगा, कि आपका जीना भी कठिन हो जाएगा। सारी शांति भंग हो जाएगी। आनंद उत्साह निर्भयता प्रेम सेवा दया इत्यादि गुणों को ये कचरा दबा देगा। और इन उत्तम गुणों के दब जाने से, उस कचरे के इन गुणों पर हावी हो जाने से, आप अच्छी प्रकार से नहीं जी पाएंगे।"
आज सारे संसार की लगभग यही स्थिति है। लोग इस कचरे की शुद्धि नहीं करते। असली ईश्वर की भक्ति उपासना नहीं करते। “कुछ लोग करते भी हैं, तो गलत तरीके से करते हैं। वे असली ईश्वर को समझते ही नहीं, कि वास्तव में ईश्वर का सही स्वरूप क्या है? जो ईश्वर नहीं है, उसे ईश्वर मानकर बैठे हैं। और उसकी भक्ति उपासना पूजा करते हैं। उससे कोई लाभ नहीं होता। जैसे मधुमक्खी यदि प्लास्टिक के फूलों पर बैठे, तो उसे वहां से असली रस नहीं मिलता, जो बगीचे में असली फूलों पर बैठने से मिलता है। बिल्कुल इस दृष्टांत के अनुसार आज संसार के लोग नकली ईश्वर की पूजा कर रहे हैं। तो सोचिए वह लाभ कैसे मिलेगा, जो असली ईश्वर की पूजा भक्ति उपासना करने से मिलता है?”
अतः असली ईश्वर को पहचानें। “अपने अंदर उत्तम गुणों की, उत्तम संस्कारों की स्थापना करें। जैसे कि वेदों को पढ़ना, ऋषियों के ग्रंथ पढ़ना, असली ईश्वर = निराकार सर्वशक्तिमान न्यायकारी आनंदस्वरूप ईश्वर की उपासना करना, अपने घर में प्रतिदिन यज्ञ हवन करना, बच्चों की अच्छी प्रकार से देखभाल करना, उनको भी यही अच्छे संस्कार देना, मन की शांति को मुख्य मानना, चरित्र को मुख्य समझना, और धन संपत्ति एवं भोगों का मूल्य इनकी तुलना में कम समझना, धन प्राप्ति के लिए कम पुरुषार्थ करना, और चरित्र की सुरक्षा के लिए अधिक पुरुषार्थ करना इत्यादि उत्तम गुणों को, अच्छे संस्कारों को यदि आप धारण करेंगे, तो आपके मन की शुद्धि होती रहेगी, और आप शांति पूर्वक अपना जीवन जी सकेंगे।” “अन्यथा संसार की स्थिति बहुत खराब है। प्रतिदिन रेडियो टेलीविजन आदि के द्वारा, संसार की खराब स्थिति से आप अच्छी प्रकार से परिचित होते ही रहते हैं।”
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A database is represented by a directory under the data directory (usually /var/lib/mysql
), and the directory is intended for storage of table data.
The DROP DATABASE
statement will remove all table files and then remove the directory that represented the database. It will not, however, remove non-table files, whereby making it not possible to remove the directory.
MySQL displays an error message when it cannot remove the directory
you can really drop the database manually by removing any remaining files in the database directory and then the directory itself.
For phpmyadmin, go to xampp\mysql\data and simply delete the database folder. Worked for me !!