जीवन की सच्ची सार्थकता

💫 *जीवन की सच्ची सार्थकता*🌷

✍️ किसी ने अपने भगवान से पूछा कि, *”शांति चाहिए, इसके लिए मैं क्या करूं?*

जवाब मिला, *”कुछ मत करो, बल्कि जो कर रहे हो उसे बंद कर दो! शांति का अहसास होने लगेगा! क्वयोंकि ह तुम्हारे ही अन्दर है! उसको कही आना जाना नहीं है!*
बतौर उदाहरण आप झूले पर झूल रहे हो और पैर से टेका लगाना बंद कर दो! झूला अपने आप थम जाएगा। शांतिमय जीवन के लिए जरूरी है कि *व्यक्ति हर हाल में मस्त रहने की कला सीख ले।* जो नहीं मिला उसके लिए मुझ से शिकायत मत करो कि *तूने मुझे औरों से कम दिया है!*
बल्कि इस बात के लिए उसे धन्यवाद दो कि *तुमने मुझे तेरी काबलियत से भी अधिक दिया है।*

अगर तुम इस बात को मान लो तो *पचास फीसदी दुःख आज ही खत्म हो जाएँ!*

हमें इस बात का कभी अफसोस न हो कि *मेरे पास बहुत से दुनियावी सुखों की कमी है! बल्कि हमें इस बात की हमेशा ख़ुशी रहे कि *दुनिया का हर सुख देने वाला सुख सागर भगवान मेरा पिता है और सदा मेरे साथ है!*

महापुरुष हमें समझाते हैं कि, *संसार में तुम्हारा जीवन चार दिनों का खेल है!*
संसार का कोई कोना ऐसा नहीं है जहाँ दुख अथवा मौत का राज्य न हो! संसार का कोई भी इन्सान मौत के वार से बच नहीं सकता।
*जीना झूठ है और मरना सच है- अगर जीते जी अपने आप को नहीं जन पाये!*

समय के सदगुरु बार-बार सम्झाते हैं कि *मैं मौत की बातें बताकर तुम्हें डराता नहीं हूंँ!* केवल सच्ची हकीकत बताता हूंँ कि *इस रास्ते पर अकेले ही जाना है।* इसलिए हे इन्सान, *तू अपने अन्दर के भगवान् से जुड़ने में देर न कर! प्रभु की बन्दगी करके अपने आत्मिक स्वरूप को पहचान! फालतू बातों में अपना समय न गँवा! एक सच्चे कर्मयोगी तरह जीवनयापन कर! इसी में मनुष्य जीवन की सार्थकता है और यही तेरे जीवन का लक्ष्य भी है!*

सदा याद रहे कि *आज है तो अब है! कल का नाम ही काल है!*
🍁🍁🍁💞 *सुप्रभात*💞🍁🍁🍁




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