भारतीय लेखक प्रेम रावत ने बनाया ‘स्वयं की आवाज’ पुस्तक के विमोचन से गिनीज विश्व रिकॉर्ड

लखनऊ, 5 अप्रैल : दुनिया भर में शांति का संदेश देने वाले शांति दूत प्रेम रावत जी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 2 अप्रैल को एक विशाल जनसभा से रूबरू हुए। इस दौरान प्रेम रावत (Prem Rawat) ने अपनी नई पुस्तक ‘‘स्वयं की आवाज’’ का लोकार्पण कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। पुस्तक विमोचन समारोह को गिनीज विश्व रिकॉर्ड (Guinness World Records) में दर्ज किया गया। इस दौरान भारी तादाद में देश-विदेश से लोग उन्हें सुनने के लिए रमाबाई अम्बेडकर मैदान रैली स्थल पहुंचे थे।

दरअसल, विश्व विख्यात प्रकाशक “‘HarperCollins” द्वारा पुस्तक का प्रकाशन किया गया था। समारोह को गिनीज विश्व रिकॉर्ड का दर्जा मिलने की वजह समारोह में 1,14,704 लोगों की उपस्थिति थी, जो संभवतः पहली बार दर्ज हुई। इससे पहले इसी तरह के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में 6786 लोगों की उपस्थिति का रिकॉर्ड बना था, जो इस कार्यक्रम के बाद बुरी तरह से टूट गया। कार्यक्रम में बतौर मॉडरेटर मशहूर अभिनेत्री भाग्यश्री पहुंची थी।

इस दौरान शांतिदूत प्रेम रावत ने अपनी पुस्तक ‘‘स्वयं की आवाज’’ के कुछ पन्नों को पढ़कर भी सुनाया, जिसे मौजूद श्रोताओं व पुस्तक प्रेमियों ने ध्यानपूर्वक सुना और इसका आनंद लिया। बता दें कि ‘‘स्वयं की आवाज’’, अंग्रेजी पुस्तक‘‘ हियर योरसेल्फ’’ (Hear Yourself) का हिन्दी रूपांतर है, जो न्यूयार्क टाइम्स की बेस्ट सेलर लिस्ट (New York Times best seller list) में शामिल है।

पुस्तक के विमोचन के बाद प्रेम रावत ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए जीवन में व्याप्त शोर व अशांति को दूर करने के टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि किस तरह से मनुष्य अपने अंदर मौजूद शांति का अनुभव कर अपने व दूसरों के जीवन में शांति ला सकता है। उन्होंने शांति को मानवता के विकास में अहम बताया। प्रेम रावत के अनुसार मनुष्य के अंदर शांति का भंडार है, जिसका वह रोज अनुभव कर सकता है।

उन्होंने बताया कि पिछले 6 दशकों से वो लगातार शांति का संदेश दुनिया भर में पहुंचा रहे हैं। उनकी कोशिश हर उस व्यक्ति तक पहुंचने की है, जो अपने जीवन में शांति प्राप्त करना चाहता है। उन्होंने मौजूद श्रोताओं को जीवन में मात्र विश्वास से हटकर अनुभव से जुड़ने का  संदेश दिया।

प्रेम रावत ने जीवन की खूबसूरती का वर्णन करते हुए कहा कि मनुष्य एक बूंद है, जिसमें समुद्र समाया हुआ है। एक दिन ये बूंद भी समुद्र में समा जाएगी। जब तक हम एक बूंद हैं, उस अनंत शांति का अनुभव कर सकते हैं। उन्होंने समझाया कि मनुष्य जन्म बार-बार नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि मनुष्य जब तक अपने अंदर झांक कर अपना आकलन स्वयं नहीं करेगा, तब तक वह दूसरों की मदद में भागीदारी नहीं दे सकता।

अभिनेत्री भाग्य श्री की विशेष बातचीत….
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व मॉडरेटर पहुंची अभिनेत्री भाग्य श्री ने पुस्तक के लेखक व शांति दूत प्रेम रावत से उनकी पुस्तक को लेकर बातचीत की। अभिनेत्री द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रेम रावत ने कहा कि जैसे एक बुझा हुआ दीपक दूसरे दीपक को रोशनी नहीं दे सकता है। उसी प्रकार हम जब तक हम स्वयं को नहीं जानेंगेे, तब तक दूसरे की मदद नहीं कर सकेंगे।

कौन हैं प्रेम रावत…
पुस्तक के लेखक व वक्ता प्रेम रावत लगभग 6 दशक से शांति व मानवता का संदेश दुनिया भर में देते आ रहे हैं। प्रेम रावत एक बेहतरीन वक्ता, शिक्षक, बेस्ट सेलिंग  लेखक व मानवतावादी शख्सियत हैं, जो लोगों को अपने ह्दय की आवाज सुनने व जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। उनकी लिखी गई पुस्तकें देश भर व विदेशों में सबसे अधिक पढ़ी जाती हैं। प्ररेक कहानियों व दिलचस्प किस्सों से वो लोगों तक अपना संदेश पहुंचाते हैं, जिसे लोगों की खूब सराहना मिलती है।

पुस्तक में क्या है खास…
उन्होंने बताया कि ‘स्वयं की आवाज’ पुस्तक में अपनी यात्राओं के दौरान धार्मिक हस्तियों, नेताओं से लेकर कड़ी सुरक्षा वाली जेलों में बंद कैदियों से बातचीत का वर्णन किया है। इसके साथ ही  पुस्तक में जीवन में भय, क्रोध, चिंता से बचने के उपाय बताए गए हैं। साथ ही आंतरिक शांति, सुकून व संतोष से जीवन में किस तरह बदलाव लाया जा सकता है, का भी बखूबी वर्णन है।

कुल मिलाकर भागदौड़ की जिंदगी में हरेक मनुष्य शांति की तलाश कर रहा है। प्रेम रावत जी इसी शांति से लोगों को रूबरू करवा रहे हैं, जो स्वयं सबके अंदर विद्यमान है। प्रेम रावत जी के संदेश को और जानने व समझने के लिए इस लिंक की मदद ले सकते हैं।

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