Home Minister said, complete information will be available on one click, database will give impetus to cooperation

गृह मंत्री ने कहा, एक क्लिक पर पूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी डाटाबेस से सहकारिता को गति मिलेगी

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस की शुरुआत करते हुए कहा कि डाटाबेस की मदद से सहकारिता क्षेत्र को गति मिलेगी। इसके विस्तार में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 75 साल बाद पहली बार सहकारिता डाटाबेस शुरू किया जा रहा है। । अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहसिक फैसला लेकर उसे अंजाम तक पहुंचाते हुए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। उन्होंने कहा कि सहकारिता को गति देने में समस्या आई, हमें ये पता नहीं था कि परेशानी कहां है और तब इस डेटाबेस का विचार आया। जिसके द्वारा परेशानी की पहचान कर विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डाटाबेस की पेशकश, सहकारी क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। एक क्लिक पर पूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी: केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा, इस को-ऑपरेटिव डाटाबेस से सहकारिता का विस्तार, डिजिटल माध्यम से डेवलपमेंट और डाटाबेस से डिलीवरी का काम होगा। डाटा, विकास को सही दिशा देने का काम करता है। यह समस्या का अध्ययन करने में बहुत कारगर सिद्ध होगा।

देश की हर पंचायत में एक पैक्स होगा

शाह ने कहा कि अब तक 20 नई गतिविधियों को पैक्स के साथ जोड़ा है, जिससे पैक्स मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पैक्स के कम्यूटरीकरण से इनके विकास की कई संभावनाएं खुली। यह तय किया गया कि 2027 से पहले देश की हर पंचायत में एक पैक्स होगा। देश में आठ लाख से अधिक समितियां पंजीकृत है। 30 करोड़ से अधिक नागरिक इनसे जुड़े हैं।

क्या है डाटाबेस

राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस एक वेब-आधारित डिजिटल डैशबोर्ड है, जिसमें राष्ट्रीय एवं राज्य संघों सहित सहकारी समितियों के आंकड़ों को शामिल किया गया है। राष्ट्रीय डाटाबेस (आंकड़ों की सूची) के तहत देश के विभिन्न क्षेत्रों में फैली 29 करोड़ से अधिक की सामूहिक सदस्यता वाली आठ लाख सहकारी समितियों के बारे में जानकारी एकत्र की गई है।


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