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समय के सद्गुरु में पूर्ण समर्पण से भटकाव खत्म होता है! एक बगीचा था। नाना प्रकार के पुष्प उसमें खिले हुए थे और एक भौंरा एक पुष्प से दूसरे पुष्प पर बैठता था। परंतु एक चंपा का जो विशाल वृक्ष था- उस चंपा के बड़े फूल में बड़ी सुंदरता और खूशबू होती है, लेकिन वह […]
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जब हम कहते रहते हैं, हमारे पास भक्ति के लिए समय नहीं है तो परिणाम क्या होता है। एक बहुत बड़ा सौदागर नौका लेकर दूर-दूर देशों में करोड़ों रुपये कमाने जाता था।उसके मित्रों ने उससे कहा कि तुम नौका में घूमते हो। पुराने जमाने की नौका है। समुद्र में तूफ़ान आते हैं, खतरे बहुत होते […]
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मनुष्य जीवन महान है चौरासी लाख योनियों में मनुष्य ही एक मात्र ऐसा प्राणी है- जिसका व्यक्तित्व निर्माण प्रकृति से ज्यादा उसकी स्वयंँ की प्रवृत्ति पर निर्भर होता है। मनुष्य अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जैसा सोचता है, वैसा बन जाता है। मनुष्य और अन्य चौरासी लाख योनियों में प्राणियों के बीच […]
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चार आने का हिसाब बहुत समय पहले की बात है! चंदनपुर का राजा बड़ा प्रतापी था! दूर-दूर तक उसकी समृद्धि की चर्चाएं होती थी! उसके महल में हर एक सुख-सुविधा की वस्तु उपलब्ध थी! पर फिर भी अंदर से उसका मन अशांत रहता था। बहुत से विद्वानो से मिला! किसी से कोई हल प्राप्त नहीं […]
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हमारे कर्मों का साक्षी – हमारे ही अन्दर विराजमान है! बात पुरानी बात है, उन दिनों आज की तरह स्कूल नही होते थे! गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी और छात्र गुरुकुल में ही रहकर पढ़ते थे! उन्हीं दिनों की बात है! एक विद्वान पण्डित थे, उनका नाम था- राधे गुप्त! उनका गुरुकुल बड़ा ही प्रसिद्ध था! […]
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जब माँ सरस्वती जी ने तोड़ा संत कालिदास जी का घमंड। एक बार कालिदास जी मार्ग से कही जा रहे थे उसी समय उन्हें बहुत प्यास लगी, पास में कुछ महिलाएं कुएं से पानी भर रही थी। कालिदास बोले :- “माते पानी पिला दीजिए बड़ा पुण्य होगा” ! स्त्री बोली :- बेटा मैं तुम्हें जानती […]
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सुदामा ने एक बार श्रीकृष्ण से पूछा–‘ कान्हा, मैं आपकी माया के दर्शन करना चाहता हूँ, कैसी होती है?’ श्रीकृष्ण ने टालना चाहा, लेकिन सुदामा की जिद पर श्रीकृष्ण ने कहा–‘अच्छा, कभी वक्त आएगा तो बताऊंगा। एक दिन कृष्ण ने कहा- सुदामा ! आओ, गोमती में स्नान करने चलें। दोनों गोमती के तट पर गए। […]
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एक ही घड़ी मुहूर्त में जन्म लेने पर भी सबके कर्म और भाग्य अलग अलग क्यों ? एक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों और ज्योतिष प्रेमियों की सभा सभा बुलाकर प्रश्न किया कि “मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था मैं राजा बना! किन्तु उसी घड़ी मुहूर्त में अनेक जातकों […]
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