जिसके हृदय में जैसी भक्ति और प्रीति होती है.

जाके हृदय, भगति जसि प्रिती।
प्रभु तहं प्रगट, सदा तेहिं रीति।

अर्थ: जिसके हृदय में जैसी भक्ति और प्रीति होती है, प्रभु वहां (उसके लिए) सदा उसी रीति से प्रकट होते है।



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