Noshadar 10 gms, Jaukhar 10 gms, Kalami Shora 10 gms | Nausadar 10 gms, Jakhar 10 gms, Kalmi Shora 10 gms

Pathri ka ilaaz | Stone in Stomach

  1. Noshadar. 10 gms, Jaukhar. 10 gms, Kalami Shora 10 gms
    three dose each of 10 gms / 10 10 10 gm ke teen khurak morning me khali pet, 3 din dahi ke sath

नौशादर (SALLAMONIAC ) के औषधीय गुण – टी.बी. के लिऐ रामबाण – यकृत और प्लीहा के रोगों में उपकारी – NAUSHADAR – A WONDER MEDICINE :
(Please also read the English version, below)

नौसादर को मैल ऐमोनिऐक (Sai ammoniac) भी कहते हैं। यह वस्तुत: ऐमोनिया और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का लवण ऐमोनियम क्लोराइड, नाहा4क्लो (NH4Cl), है। औषधियों में शीतक के रूप में, मूत्र लाने और कफ निकालने के लिए अच्छा समझा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार नौसादार शोथनाशक, तथा शीतल है। यह यकृत और प्लीहा के रोगों में उपकारी है।

1- नौशादर-4 ग्राम,सुहागा-4 ग्राम और सौंफ-2 ग्राम को अच्छी तरह बारीक पीसकर उसमें 4 ग्राम मीठा सोडा मिलाकर रख लें. इसमें से आधे से दो ग्राम की मात्रा में सुबह, दोपहर और शाम को रोगी को देने से पेट की बीमारियों में आराम होता है.
2- फिटकरी,सेंधा नमक तथा नौसादर बराबर मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें. इसे प्रतिदिन सुबह-शाम मसूड़ों व दाँतों के सभी रोग ठीक हो जाते हैं.
3- नौशादर को पानी में घोलकर ,उसमें एक साफ़ कपड़ा भिगोकर गांठ के ऊपर रखने से लाभ होता है.
4- एक कप पानी में एक चुटकी नौसादर डालकर दिन में तीन बार पीने से खांसी ठीक हो जाती है.
5- नौशादर और कुटकी को जल में मिलाकर माथे पर लेप की तरह लगाने से आधा सीसी के दर्द में लाभ होता है.
6 – 2 चावल भर नौसादर लें, जितनी उम्र का बच्चा हो उतनी मात्रा के हिसाब से हर रोज दूध में मिलाकर पिला दें। इससे बच्चे का जिगर नहीं बढ़ेगा।

टी.बी. के लिऐ रामबाण :
7- आक का दूध 50 ग्राम,कलमी शोरा और नौसादर ,पपड़िया प्रत्येक 10-10 ग्राम लें।पहले शोरा और नौसादर को पीस लें,फिर दोनों को लोहे के तवे पर डालकर नीचे अग्नि जलाऐं और थोड़ा थोड़ा आक का दूध डालते रहैं।जब सारा दूध खुश्क हो जाए और दवा विल्कुल राख हो जाए चिकनाहट विल्कुल न रहे,तब पीसकर सुरक्षित रखें।आधा आधा ग्रेन (2 चावल के बरावर ) मात्रा में प्रातः व सांय को बतासे में रखकर खिलाऐं या ग्लूकोज मिलाकर पिलाऐं।यह योग ऐसी टी.बी. के लिऐ रामबाण है जिसमें खून कभी न आया हो।इसके सेवन से हरारत,ज्वर,खांसी,शरीर का दुबलापन,आदि टी.बी. के लक्षणों का नाश हो जाता है।

8- धुले हुए छिलका हटाए हुए तिल 250 ग्राम , नौशादर 50 ग्राम , मोचरस (यह लाल रंग का गोंद है) 100 ग्राम ।
इनको धूप मे सुखाकर पीस ले। 1 चम्मच 2 समय पानी से ले। सूरज ढलने से पहले ही ले । रात को ना ले. 3 महीने तक लें.

9- तिल व नौशादर अलग अलग पीस कर रख ले। किसी पेड़ (जैसे केला, बरगद, पीपल आदि) का पत्ता ले। उस पर 5 चम्मच तिल व 1 चम्मच नौशादर रख कर मिलाए। अंडकोशों पर रात को बांध ले। ऊपर से लंगोट पहन ले। लगाने का प्रयोग 15 दिन करे ।

10 – एड़ी के दर्द में :
नौशादर एक पीस (एक चौथाई छोटा चम्मच) , गवार पाठा – आधा चम्मच, और आधा चम्मच हल्दी। एक बर्तन में गवार पाठा धीमी आंच पर गरम करे, उस में नौशादर और हल्दी डाले, जब गवार पाठा पानी छोड़ने लगे तब उसे एक कॉटन के टुकड़े पर रख ले और थोड़ा ठंडा करे। जितना गरम सह सके, उसे एक कपडे पर रख कर एड़ी पर पट्टी की तरह बांध लीजिये, ये प्रयोग सोते समय करे क्योंकि इसे बाँध कर चलना नहीं है। ये प्रयोग कम से कम ३० दिन तक पुरे धैर्य से करे। ये प्रयोग बिलकुल सरल और सर्वश्रेष्ठ है, एड़ी के दर्द वाले व्यक्ति को इसे ज़रूर आज़माना चाहिए. जल्दी आराम के लिए आप साथ में एलो वेरा की सब्जी या घर पर बना हुआ जूस भी पी सकते हैं.

विशेष.
ये प्रयोग सिर्फ एड़ी ही नहीं, बल्कि शारीर की किसी भी हड्डी के दर्द को सही करने की पूरी क्षमता रखता है.

It is alterative, expectorant and cholagogue in small doses and in large doses it is purgative. It has a marked stimulating action on the mucous membranes, increasing their secretion. It relieves hepatic congestion and modifies hepatic secretions. It is useful in cases of hepatic abscess, chronic hepatic congestion and oedema connected with liver and ovarian diseases, cirrhosis and in jaundice. It is also useful in flatulence, catarrh, chronic pharyngitis and whooping cough. It has a beneficial effect in amenorrhoea, dysmenorrhoea, gleet, leucorrhoea and chronic dysentery.
Now a special use of Naushadar : for hairless patches on head, or other parts of body, apply a paste of naushadar powder & lemon use on the affected part, 2-3 times a day. This may work magically !
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आप का आज का दिन मंगलमयी हो – आप स्वस्थ रहे, सुखी रहे – इस कामना के साथ !



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