कुछ विचारणीय शब्द!
जिस समय हम किसी का अपमान करते हैं।
दरअसल उस समय में हम अपना सम्मान खो रहे होते हैं!
मनुष्य यदि अपनी इच्छाओं को घटाकर देखे,
तो खुशियों का संसार नजर आएगा!
जिंदगी में एक दूसरे के जैसा होना आवश्यक नहीं है –
बल्कि एक दूसरे के लिए होना आवश्यक है!
किसी को सुख पहुँचाना भले ही आपके हाथ में न हो।
लेकिन किसी को दुःख न पहुँचाना तो आप के हाथ में है!
सागर को घमंड था कि- मैं, सारी दुनिया को डुबा सकता हूँ!
इतने में तेल की एक बूद आयी, और तैर कर निकल गयी!
यदि हारने की कोई संभावना ना हो,
तो जीतने का कोई मतलब नहीं है!
व्यक्ति क्या है- ये महत्वपूर्ण नहीं है,
लेकिन व्यक्ति में क्या है ये बहुत ही महत्वपूर्ण है।
जो व्यक्ति अपने जीवन में दूसरों को खुशी के पल देता है
वह खुद भी बहुत सुख पाता है!
संसार छोड़ने से परमात्मा नहीं मिलता
परंतु परमात्मा के मिलने से दुनिया अपने आप छूट जाती है!
गुरु से शिष्य की कोई भी बात छुपी हुई नहीं है,
क्योंकि सागर को मालूम होता है की बूंद में कितना पानी हैं!
इसलिय, समझे कि –
संतुष्टि सबसे बड़ा धन है,
विश्वास सबसे बड़ा बंधु है,
तथा निर्वाण सबसे बड़ा सुख है।
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