भगवान पर विश्वास

एक आदमी की नई नई शादी हुई और वो अपनी पत्नि के साथ वापिस आ रहा था। रास्ते में उन दोनों को एक बडी झील को नाव के द्वारा पार करना था, तभी अचानक भयंकर तूफ़ान आ गया!

पति तो निड़र था लेकिन पत्नी बहुत डरी हुई थी क्योंकि हालात बिल्कुल खराब हो चुके थे। नाव बहुत छोटी थी और तूफ़ान बहुत भयंकर था दोनों किसी भी समय डूब सकते थे। लेकिन पति चुपचाप, निश्चल और शान्त बैठा था जैसे कि कुछ नहीं होने वाला!

वही दूसरी तरफ पत्नि डर के मारे कांप रही थी और पति से बोली – क्या तुम्हें डर नहीं लग रहा कि ये हमारे जीवन का आखरी क्षण भी हो सकता है? ऐसा नहीं लगता कि हम दूसरे किनारे पर कभी पहुंच भी पायेंगे। अब तो कोई चमत्कार ही हमें बचा सकता है वर्ना हमारी मौत निश्चित ही है!

पत्नि बड़बड़ाए जा रही थी – क्या तुम्हें बिल्कुल भी डर नहीं लग रहा ? कहीं तुम पागल-वागल या पत्थर- वत्थर तो नहीं हो ?

पति खूब हँसा और एकाएक उसने “म्यान से तलवार” निकाल ली!

पत्नि अब और परेशान हो गई कि पति क्या कर रहा है फिर पति उस नंगी तलवार को पत्नि की गर्दन के पास ले आया, इतना पास कि उसकी गर्दन और तलवार के बीच बिल्कुल कम फासला बचा था बल्कि ये कहें कि तलवार लगभग उसकी गर्दन को छू रही थी!

फिर पति अपनी पत्नि से बोला – क्या तुम्हें डर लग रहा है?

पत्नि खूब हँसी और बोली – जब तलवार आपके हाथ में है तो डर कैसा क्योंकि मैं जानती हूँ कि आप मुझे बहुत प्यार करते हो इसलिए कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते!

पति ने तलवार वापिस म्यान में डाल दी, और बोला कि यही मेरा जवाब है मैं भी जानता हूँ कि भगवान मुझे बहुत प्यार करते है और ये तूफ़ान उनके हाथ में है, इसलिए जो भी होगा अच्छा ही होगा!

अगर हम बच गये तो भी अच्छा और अगर नहीं बचे तो भी अच्छा क्योंकि सब कुछ उस परमात्मा के हाथ में है और वो कभी भी कुछ भी गलत नहीं कर सकते, वो जो भी करेंगे, हमारे भले के लिए ही करेंगे!

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि व्यक्ति को हमेशा उस परमपिता-परमात्मा पर विश्वास रखना चाहिये, जो एक क्षण में हमारे पूरे जीवन को बदल सकते है!




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