संज्ञा क्या है

किसी जाति, द्रव्य, गुण, भाव, व्यक्ति, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे – पशु (जाति), सुन्दरता (गुण), व्यथा (भाव), मोहन (व्यक्ति), दिल्ली (स्थान), मारना (क्रिया)। जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, भाव या दशा, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

संज्ञा परिभाषा क्या है दो उदाहरण दीजिए?

संज्ञा की परिभाषा: किसी भी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, गुण, जाति या भाव, दशा आदि के नाम को संज्ञा (sangya) कहते हैं। … ‘उपरोक्त वाक्य में चार नाम हैं जो संज्ञा (noun) को व्यक्त कर रहे, ‘शाहजहाँ’ एक व्यक्ति का, ‘कश्मीर’ एक स्थान का, ‘सेब’ एक वस्तु का, ‘सुंदरता’ एक गुण का नाम है। ये चारों शब्द संज्ञा के उदाहरण हैं।

संज्ञा कैसे पहचाने?

संज्ञा के भेद (Kinds of Noun)


1- जातिवाचक – (क)समूहवाचक (ख)द्रव्यवाचक

2- व्यक्तिवाचक

3- भाववाचक

संज्ञा Noun
उदाहरण-

1.मैं कानपुर में रहता हूँ |

2.कुत्ता एक पालतू पशु है |

3.सभी भैयाओं को दूध पीने को दिया जाता है |

4.मुझे प्यास लगी है

ऊपर लिखे उदहारण में कानपुर एक स्थान का नाम है, कुत्ता पशु प्राणी का नाम है, दूध वस्तु का नाम है, प्यास एक भाव है |

संज्ञा की परिभाषा – किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान और भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं |

1-जातिवाचक – जिस शब्दों से किसी जाति का बोध होता है , उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं |

जैसे- विद्यालय से छात्रों की भीड़ आ रही है |

(i)-द्रव्यवाचक संज्ञा – जिस शब्दों से किसी धातु एवं तरल पदार्थों का बोध होता है, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं |

जैसे- आजकल सोना मंहगा हो गया है |

(ii)-समूहवाचक संज्ञा – जिस शब्दों से किसी समूह का बोध होता है, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं |

जैसे- कक्षा में सभी विद्यार्थी उपस्थित थे |

2-व्यक्तिवाचक-
जिस शब्दों से किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी आदि के नाम का बोध होता है, उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं |

जैसे- राहुल रोज गीता पढ़ता है |

3-भाववाचक –
परिभाषा- जिन शब्दों से किसी गुण, दशा, स्वभाव, कार्य, दोष आदि भावों का बोध होता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं |

जैसे- मुझे परीक्षा में प्रथम आने की आशा है |

मूलरूप से संज्ञा के दो भेद होते हैं-

क-दृश्य वाचक /मूर्त संज्ञा- वे संज्ञा जो हमें दिखाई देते हैं-

इसके अंतर्गत आते हैं-

1-जातिवाचक संज्ञा

2-व्यक्तिवाचक संज्ञा

ख-अदृश्य वाचक /अमूर्त संज्ञा- वे संज्ञा जो हमें दिखाई नहीं देते बल्कि महसूस होते हैं।

इसके अंतर्गत भाववाचक संज्ञा आता है ।

1-जातिवाचक संज्ञा को पहचानने की ट्रिक-
जो संज्ञा शब्द एकवचन से बहुवचन और बहुवचन से एकवचन में परिवर्तित हो जाता है, तो वह संज्ञा शब्द जातिवाचक संज्ञा होगा।

जैसे- लड़का=लड़के

लड़की =लडकियाँ

पुस्तक=पुस्तकें

नदियाँ =नदी

नगरों=नगर

मंदिरों -मंदिर

स्पष्टीकरण- ये सभी संज्ञा शब्द एकवचन से बहुवचन और बहुवचन से एकवचन में परिवर्तित हो रहे हैं, इस लिए ये सभी संज्ञा शब्द जातिवाचक संज्ञा हैं।

2-व्यक्तिवाचक संज्ञा को पहचानने की ट्रिक-
जो संज्ञा शब्द हमेशा एकवचन में रहता है, तो वह व्यक्तिवाचक संज्ञा होगा ।
जैसे- सीता, मोहन, अमित, विनायक, संजुलाता, दमयंती देवी, दीपक, संजीव, प्रमोद, गंगा नदी, आगरा, भारत, उषा फैन, टाटा इंडिका आदि ।

स्पष्टीकरण- ये सभी संज्ञा शब्द एकवचन में ही रहते हैं इनका किसी भी दशा में परिवर्तिन नहीं हो सकता , इस लिए ये सभी संज्ञा शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं ।


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