घट में है सूजे नहीं, लानत ऐसी जिंद।तुलसिया संसार को भयो मोतिया बिंद।

घट में है सूजे नहीं, लानत ऐसी जिंद।
तुलसिया संसार को भयो मोतिया बिंद।

जब तुम कहते हो, भगवान! “अगर तू है तो अपने को दिखा दे!’’
तो वह अंदर से ही दरवाज़ा खटखटाता है- मैं यहाँ हूँ। तू मुझे बाहर ढूँढ़ता है और मैं तेरे अंदर बैठा हूँ।

लोग कहते हैं कि ‘‘भगवान को सबकुछ मालूम है!’’

जिसको सब कुछ मालूम है उसको यह भी तो मालूम होगा कि तुमको उसकी ज़रूरत पड़ेगी।

सबके घट में वह परमानंद विराजमान है, परंतु सब बाहर दौड़ लगा रहे हैं। उसी दौड़ को अंदर की तरफ लगाना है।

जैसे ही हम अंदर की तरफ दौड़ लगाना शुरू करेंगे, वह परमानंद हमें स्वयं अपने पास बुलाएगा। क्योंकि वहाँ है हृदय, और हृदय के अंदर उसकी प्यास लगी हुई है।

उस प्यास को बुझाने की क्या विधि है?

वह विधि मैं जगह-जगह जाकर लोगों को बताता हूँ और कहता हूँ कि परमानंद तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है। उसको अपना बॉस बनाओ, उसकी चाकरी करो तो तुम्हारे जीवन के अंदर भी सुख और आनंद की बारिश हो जायेगी। जो व्यक्ति शान्ति को अपने जीवन में साक्षात रूप में लाना चाहता है, उनका मैं मार्गदर्शन कर सकता हूँ।

  • Prem Rawat



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