टोकरी में पानी

संत सदानंद का शिक्षा देने का अलग ही ढंग था। वह सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान का सहारा नहीं लेते थे। शिष्य अच्छी तरह से उनकी बात समझ सकें, इसके लिए व्यावहारिक उपायों से विषयों को समझाते थे। एक दिन उन्होंने अपने सभी शिष्यों को बुलाया और सबके हाथ में बांस की एक-एक टोकरी थमा दी। संत […]

Read More

जीवन का आनंद!

एक सम्राट राजा अपने शक्ति के बल पर दुनिया भर में राज करने लगा था। वह अपनी शक्ति पर इतना गुमान करने लगा था कि अब वह अमर होना चाहता था।उसने पता लगाया कि कहीं ऐसा जल है जिसे पीने से व्यक्ति अमर हो सकता है। देश – दुनिया में भटकने के बाद आखिरकार राजा […]

Read More

श्रद्धा भाव के पुष्प

एक बार किसी गांव में महात्मा बुद्घ का सत्संग हुआ। सब इस होड़ में लग गए कि क्या भेंट करें? सुदास नाम का एक मोची था। उसने देखा कि मेरे घर के बाहर के तालाब में एक कमल🪷 खिला है। उसकी इच्छा हुई कि आज नगर में महात्मा बुद्घ आए हैं। सब लोग तो उधर […]

Read More

मन का दर्पण

एक गुरुकुल के आचार्य अपने शिष्य की सेवा से बहुत प्रभावित हुए। विद्या पूरी होने के बाद जब शिष्य विदा होने लगा तो गुरू ने उसे आशीर्वाद के रूप में एक दर्पण दिया। वह साधारण दर्पण नहीं था । उस दिव्य दर्पण में किसी भी व्यक्ति के मन के भाव को दर्शाने की क्षमता थी। […]

Read More

लक्ष्मण जी की आनंद यात्रा……

भगवान श्रीराम ने एक बार पूछा कि लक्ष्मण तुमने अयोध्या से लेकर लंका तक की यात्रा की है परन्तु उस यात्रा में सबसे अधिक आनंद तुम्हें कब आया? लक्ष्मणजी ने कहा कि भैया, मेरी सबसे बढ़िया यात्रा तो लंका में हुई और वह भी तब हुई जब मेघनाद ने मुझे बाण मार दिया! प्रभु ने […]

Read More

स्वार्थ ने भक्ति को भी व्यापार बना दिया….

वर्तमान में प्रत्येक मनुष्य बिना लेन-देन के कोई काम करता ही नहीं है।आत्मज्ञान लेने में भी मनुष्य की यह सोच बन गई है कि ज्ञान लेने के बाद मुझे क्या फायदा मिलेगा? मुझे कितना धन दौलत मिलेगी? मन के अन्दर उथल-पुथल, हिसाब-किताब और लेन-देन की इस मानसिकता ने आत्मज्ञान को भी व्यापार बना दिया है। […]

Read More

एक बाल्टी दूध…

जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देतबिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत! अर्थ: जो अपने हेतु किये गये के बदले में कुछ करता है वह स्वार्थी है। जो किसी के किये गये उपकार के बिना किसी का उपकार करता है। वह वस्तुत: परमार्थ के लिये कार्य है। एक बाल्टी दूध… 〰️〰️🌼〰️〰️एक […]

Read More

अज्ञानता

एक जौहरी के निधन के बाद उसका परिवार संकट में पड़ गया। खाने के भी लाले पड़ गए।एक दिन उसकी पत्नी ने अपने बेटे को नीलम का एक हार देकर कहा- ‘बेटा, इसे अपने चाचा की दुकान पर ले जाओ। उनसे कहना किइसे बेचकर कुछ रुपये दे दें। बेटा वह हार लेकर चाचा जी के […]

Read More

जीवन का आनंद

एक बार एक सम्राट एक साधु से बहुत प्रभावित हो गए। सम्राट रोज रात को अपने घोड़े पर सवार होकर राज्य का चक्कर लगाने निकलते थे, उस समय रोज उस साधु को देखते थे।वह साधु एक वृक्ष के नीचे अपनी मस्ती में बैठे, कभी बाँसुरी बजाते, कभी नाचते, कभी गीत गुनगुनाते और कभी चुपचाप बैठ […]

Read More

मृत्यु एक सत्य हैं

एक राधेश्याम नामक युवक था! स्वभाव का बड़ा ही शांत एवम सुविचारों वाला व्यक्ति था! उसका छोटा सा परिवार था जिसमे उसके माता- पिता, पत्नी एवम दो बच्चे थे! सभी से वो बेहद प्यार करता था! इसके अलावा वो कृष्ण भक्त था और सभी पर दया भाव रखता था! जरूरतमंद की सेवा करता था! किसी […]

Read More